मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर: सामजिक सरोकार के साथ शोध एवं नवाचार

पढ़ाई और छात्रों के करियर में शिक्षा संस्थान का बहुत बड़ा महत्त्व होता है, क्यूंकि छात्रों को बेहतर भविष्य कि दिशा दिखाने में विश्वविद्यालय और अध्यापक काफी सहायक साबित होते हैं। विश्वविद्यालयों का काम महज ज्ञान का प्रसार नहीं बल्कि ज्ञान का सर्जन या निर्माण करना भी है। आज के समय में यह बात और भी प्रासंगिक हो जाती है जब मनुष्य द्वारा संग्रहीत किया गया लगभग संपूर्ण ज्ञान डिजिटल रूप में उपलब्ध है यानी विश्वविद्यालयों का ज्ञान के प्रसार का काम तेजी से डिजिटल मीडिया ने अधिग्रहित कर लिया है। हालांकि विश्वविद्यालयों के पास अभी भी और अधिक ज्ञान का सर्जन करने, और अधिक शोध करने, प्रकृति के रहस्यों का अधिकाधिक खुलासा करने, सामाजिक लाभ, संवहनीय पर्यावरण और बेहतर मानव जीवन के लिए नवाचार करने का विकल्प बाकी है।

इसी संदर्भ में, मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर जो कि राजस्थान में NAAC A+ रेटिंग हासिल करने वाला सर्वप्रथम विश्वविद्यालय है, अकादमिक उत्कृष्टता को बनाए रखने के लिए विशिष्ट और अभिनव प्रथाओं को अपना कर प्रतिभा को बढ़ावा देने और शिक्षण और शोध को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

MUJ जहां सिर्फ ज्ञान का प्रसार नहीं बल्कि सामाजिक सरोकार के साथ ज्ञान का निर्माण भी होता है

मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर के प्रो. प्रेसिडेंट प्रोफेसर एनएन शर्मा के मुताबिक, 2011 में अपनी स्थापना के बाद से ही MUJ शोध और नवाचार के माध्यम से ज्ञान का सर्जन कर रहा है और सबसे खास बात यह है कि ऐसा समाज की भलाई और स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। MUJ सामाजिक आवश्यकता आधारित शोध के माध्यम से ज्ञान सर्जनकर्ता का एक अग्रणी उदाहरण है। सामाजिक सरोकार वाली ढेरों शोध परियोजनाएं MUJ में संपन्न हुई हैं। शोध कार्य में न केवल फैकल्टी मेंबर बल्कि UG और PG के छात्रों की भी सक्रिय भागीदारी रही है।

सामाजिक सरोकार के साथ शोध में MUJ की कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां:

  • बहुआयामी जयपुर-हैंड का विकास- जयपुर दुनिया भर में किफायती कृत्रिम पैर यानी जयपुर फुट के लिए प्रसिद्ध है। इसी कड़ी में मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर द्वारा पिल्टोवर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (MUJ के छात्रों का एक उपक्रम) के साथ मिलकर बेहद किफायती कृत्रिम हाथ विकसित किए गए हैं। MUJ द्वारा विकसित जयपुर हैंड की कीमत 15000 रुपए से भी कम है और यह ज्यादा बेहतर काम करता है। इसका मैकेनिकल वर्जन भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति को सौंपा गया है और उनके सुझाव के बाद इसके ऑटोमेटेड वर्जन पर काम किया जा रहा है।

  • आर्टिफीशियल बोन्स (कृत्रिम हड्डियां)- MUJ के डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के फैकल्टी मेंबर्स ने बायो कंपैटिबल आर्टिफीशियल बोन्स तैयार की है जो गंभीर फ्रैक्चर, बीमारी इत्यादि के कारण नुकसान पहुंचने वाली मानव हड्डियों का स्थान ले सकती हैं। इसके कारण मैटेलिक इंप्लांट को निकालने के लिए सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

  • अनब्रेकेबल और फायरप्रूफ टाइल्स- मार्बल की धूल पर्यावरणीय खतरे का रूप लेती जा रही है। MUJ के शोधकर्ताओं ने इस खतरे को एक अवसर के रूप में बदलकर इसके इस्तेमाल से एक अनब्रेकेबल और फायरप्रूफ फ्लोर टाइल विकसित की है। इसकी लागत लगभग सामान्य सिरामिक टाइल के बराबर है और इनका अनब्रेकेबल और फायरप्रूफ होना इन्हें उत्कृष्ट बनाता है।

  • इंडस्ट्री क्लास प्रोटेक्टिव फेस शील्ड- वर्तमान समय में कोविड 19 नामक महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रोटेक्टिव फेस शील्ड एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है। इसी कड़ी में, MUJ ने इंडस्ट्री क्लास फेस शील्ड विकसित की है और ऐसी 500 शील्ड राजस्थान पुलिस को दान दी हैं।

MUJ में शोध पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है और इसका प्रमाण प्रतिष्ठित जर्नल्स में फैकल्टी मेंबर्स के प्रकाशनों में देखा जा सकता है। वर्तमान में शोध की गुणवत्ता जिसे SciVal के फील्ड इम्पैक्ट फैक्टर द्वारा मापा जाता है, वह MUJ में वैश्विक औसत से काफी अधिक है। अपनी स्थापना के बाद थोड़े समय में ही, MUJ के फैकल्टी मेंबर्स ने DST, DBT, ICSSR, CSIR इत्यादि से बाह्य अनुदान प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा MUJ को अटल इंक्यूबेशन सेंटर प्रदान किया गया है। अभी तक AIC-MUJ ने लगभग 15 स्टार्टअप की शुरुआत की है जिनमें से अधिकांश को प्राइवेट और सार्वनिक फंडिंग प्राप्त हुई है। विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को विभिन्न प्लेटफार्म प्रदान किए जाते हैं जहां पर वे अपने अभिनव आइडियाज प्रदर्शित कर सकते हैं और सिस्टम सॉफ्टवेयर और नेटवर्क जैसी सुविधाएं के माध्यम से अपने उत्पादों की मार्केटिंग कर सकते हैं।

समाज से जुड़े शोध को जगह देने के लिए, MUJ ने अत्याधुनिक शोध सुविधाएं स्थापित की हैं जिनमें “Sophisticated Analytical Instrumentation Lab”, “Central Analytical facility, “Multi-scale high end computing facility”, “Dassault-CATIA lab” और बहुत कुछ शामिल हैं। ये सुविधाएं किसी भी निजी संस्थान में मिलना बहुत दुर्लभ है।

दुनिया भर में लहरा रहा है MUJ के विद्यार्थियों का परचम:

MUJ के विद्यार्थी दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। हाल ही में MUJ के BTech- कंप्यूटर और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र और उसकी टीम (LUXETICS) ने अमेरिका की मैसाचुएट्स यूनिवर्सिटी में कोविड-19 के लिए हैकिंग मेडिसिन HealthHack 2020 चैलेंज और $2500 डॉलर का पुरस्कार जीता है। उन्हें लॉकडाउन के बाद MIT हॉन्गकॉन्ग में प्रेजेंटेशन के लिए आमंत्रित किया गया है।

भविष्य की मांग है कि शैक्षणिक प्रणाली में सामाजिक सरोकार वाले शोध और नवाचार को बढ़ावा दिया जाए और ज्ञान की नवीन संपदा तैयार की जाए। सभी भारतीय विश्वविद्यालयों को
वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और सामाजिक रूप से योगदान देने के लिए प्रयास करना चाहिए। मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है।

प्रोफ़ेसर एन एन शर्मा, प्रोफ़ेसर प्रेसिडेंट- मनीपाल यूनिवर्सिटी जयपुर



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Manipal University Jaipur: Research and innovation with social concerns


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